मृत्यु का शोक अगर कुछ वक्त तक रहे तो आदमी अपने आप को सम्भाल लेता है । मृत्यु का शोक अगर कुछ वक्त तक रहे तो आदमी अपने आप को सम्भाल लेता है ।
दिव्या अपने ससुर के गले लग गई आज उसमे अपने ससुर में अपने मृत पिता नजर आ रहे थे। दिव्या अपने ससुर के गले लग गई आज उसमे अपने ससुर में अपने मृत पिता नजर आ रहे थे।
" आप बोल तो ठीक रही हैं मम्मी लेकिन इतना काम कैसे होगा? " " आप बोल तो ठीक रही हैं मम्मी लेकिन इतना काम कैसे होगा? "
अपने से ज्यादा बहू को तबज्जो मिलते देख सास का चेहरा बुझ जाता। अपने से ज्यादा बहू को तबज्जो मिलते देख सास का चेहरा बुझ जाता।
और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है। और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है।
लिखने के लिए प्रोत्साहित करती आत्म कथा। लिखने के लिए प्रोत्साहित करती आत्म कथा।